आजादी के अमृत महोत्सव का अर्थ है- स्वतंत्रता की ऊर्जा का अमृत, स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं की प्रेरणा का अमृत, नए विचारों और संकल्पों का अमृत और आत्मनिर्भरता का अमृत। इसलिए यह महोत्सव राष्ट्र के जागरण का त्यौहार है, सुशासन के सपने को पूरा करने का त्यौहार और वैश्विक शांति तथा विकास का त्यौहार है।
आजादी का अमृत महोत्सव, आजादी के 75 साल और लोगों की संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। यह पहल, उन विचारों और आदर्शों से प्रेरित कार्यक्रमों और घटनाओं पर केंद्रित है, जिन्होंने अभी तक हमें, हमारे देश को आकार दिया है और आगे हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
जैसा कि हम जानते हैं कि दुनिया बदल रही है और एक नई दुनिया का दरवाजा खुल रहा है। इस अमृत महोत्सव अभियान के तहत कार्यक्रमों में ऐसी पहलें शामिल हैं, जो दुनिया में भारत के अद्वितीय योगदान को जीवंत करने में मदद कर रहीं हैं। इनमें काशी की भूमि से हिंदी यात्रा के दिग्गजों को समर्पित 'काशी उत्सव', 'प्रधानमंत्री को पोस्ट कार्ड' जैसे आयोजन शामिल हैं, जिसमें 75 लाख से अधिक बच्चे 2047 में भारत के बारे में अपना दृष्टिकोण लिख रहे हैं। इसके अलावा संविधान दिवस, सुशासन सप्ताह आदि जैसी पहलें भी हैं, जो उद्देश्य और संकल्प की गहरी भावना से प्रेरित हैं।
इस महोत्सव के माध्यम से उन गुमनाम नायकों की कहानियों को जीवंत करने की कोशिश की जा रही है, जिनके बलिदान ने हमारे लिए स्वतंत्रता को वास्तविकता बना दिया है। ऐसे कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जो हमें हमारे स्वंतत्रता के नायकों की याद दिलाता है। उनमें से कुछ हैं - बिरसा मुंडा जयंती (जनजातीय गौरव दिवस), शहीद दिवस आदि।
इसके साथ ही इस अभियान मे सरकारी नीतियों, कार्य योजनाओं, व्यवसायों, गैर सरकारी संगठनों, समाज की प्रतिबद्धताओं को शामिल किया गया है, जो हमारे विचारों को साकार करने में मदद करते हैं और सामूहिक रूप से एक बेहतर कल का निर्माण करते हैं। गति शक्ति (मल्टी- मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान) जैसी पहल इसका बेहतरीन उदाहरण है|
अमृत महोत्सव ऐसे कार्यक्रमों को भी अपने में समाहित किए हुए है जो हमारे देश की 5000 वर्षो की विरासत के साथ-साथ 75 वर्षो की स्वतंत्रता की उपलब्धियों को दिखाता है। ऐसे कार्यक्रमों में 1971 की जीत के लिए समर्पित 'स्वर्णिम विजय वर्ष', महापरिनिर्वाण दिवस के दौरान ‘श्रेष्ठ योजना’ का शुभारंभ आदि शामिल हैं।
देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर 75 सप्ताह पूर्व आजादी का अमृत महोत्सव का आवाह्न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 12 मार्च 2021 को साबरमती आश्रम से पदयात्रा को हरी झंडी दिखा कर किया गया था। प्रधानमंत्री ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए कहा था कि ‘राष्ट्र का गौरव तभी जाग्रत होता है, जब हम अपने स्वाभिमान और बलिदान को याद करते हैं, और उसे अगली पीढ़ी को भी बताते हैं।’
यह अभियान, स्वाबलंबन की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे भारत सरकार ने 15 अगस्त 2023 तक मनाने का निर्णय लिया है।
Write a comment ...